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‘आंतरिक शक्ती का विकास’

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 लॉकडाऊन के चलते नागपूर के गिट्टीखदान पुलिस क्राईम ब्रॉच विभाग में कार्यरत पुलिस कर्मीयों के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका शिर्षक था ‘आंतरिक शक्ती का विकास’ । इस कार्यक्रम में लगभग 25 पुलिस कर्मीयों ने सोशल डिस्टंसिंग का पालन करते हुए मास्क लगाकर कार्यक्रम में सहभाग लिया। वैश्विक महामारी के बढ़ते हुए, जनता की सुरक्षा की जिम्मेवारी को निभाते हुए जिन हालातो में पुलिस कर्मीयों को गुजरना पड़ रहा है, उनकी सुरक्षा भी उतनीही महत्वपूर्ण है। ऐसे वक्त में हर व्यक्ती को सकारात्मक उर्जा, शांती, संतुष्टता और आत्मबल की आवश्यकता होती है। पुलिस कर्मीयों ने अपने परिवार की जिम्मेवारी निभाते हुए जनता की सेवा के प्रती जिन परिस्थितीयों को सामना किया वह प्रशंसनिय है। जिन कंधो पर इतनी बड़ी जिम्मेवारी उन्हे शारीरीक तथा मानसिक रुप से सशक्त होने की जरुरत है। अतः ब्रह्माकुमारीज जागृत कॉलनी की बहनो व्दारा त्रिदिवसीय प्रेरणादायी कार्यक्रम लिया गया। ब्र.कु. उमा बहन ने स्वयं के परिचय से अवगत कराते हुये बताया इस शरीर के व्दारा कार्य करनेवाली चेतना माना ही ‘मै हूँ। व्यवहारीक रुप से नाम, स्थान, कार्य, व्यवसाय का दिया गया परिचय तो शारीरीक परिचय है। शरीर को चलानेवाली सत्ता तो आत्मा है जो वर्तमान भीषण महामारी की परिस्थिती का सामना कर रही है। जैसे रथी को अपने रथ की भलिभांती संभाल करनी होती है, ऐसे ही आज की परिस्थिती में हम आत्मा रुपी रथी को अपने शरीर रुपी रथ की कोरोना वायरस से संभाल करनी है, तो उच्च मनोबल की जरुरत है। अतः मन की आंतरिक शक्ती को बढ़ाने ‘राजयोग’ ध्यान पध्दती की जरुरत है। सीमा बहन ने राजयोग में कैसे स्वयं का संबंध परमात्मा से जोडकर स्वयं को चार्ज करना है, वह विधी बताई तथा कुछ समय मेडिटेशन कॉमेट्री देकर परमात्म शक्ती की अनुभूती करवाई। तथा ब्रह्माकुमारी संगम बहन ने गीत की प्रस्तूती से सभी का उमंग-उत्साह बढ़ाया। कार्यक्रम के चलते एक महिला पुलिस कर्मी ने अपने अनुभव में बताया की पहले मेरा किसी कारणवश भगवान से विश्वास उठ गया था लेकिन इन तीन दिनो में सोच बदल गई और आंतरिक शांती की अनुभूती हुई। बहनों से कहा की आपके चेहरे के सात्विक भाव और मीठे बोल सुनकर मै अभिभूत हुई और भगवान को हाथ जोडकर नतमस्तक हुई। उन्होंने कहा मैने इस कार्यक्रम दौरान चार बाते सिखी 1. सकारात्मक सोच रखना जरुरी हे, 2 समय ही सबसे अच्छा विकल्प है, 3. क्षमादान दुःख से मुक्त होने की औषधी है, 4. भगवान ही शांतीदाता है। पुलिस कर्मीयों ने लॉकडाऊन के बाद सेवाकेंद्र पर आने की इच्छा जताई। अंत में बहनो में सभीको ईश्वरीय सौगात एवं प्रसाद भेट की।

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